सोलर पैनल लगाकर कमाए 50,000/Month

Solar panel


अगर आप भी आने वाले सालों में एक आरंग का सोर्स बनाना चाहते हैं जिसमें की अपको कुछ न करना हो और आपके पास पैसा आते रहे तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं क्योंकि आज हम आपके लिए एक ऐसा बिजनेस मॉड्यूल लेकर आए हैं जिस्म की आपको बस एक बार की इन्वेस्टमेंट करनी है और इसके बाद आपको लगभग 50000+ की इनकम प्रति महीने होने वाली है।
       जैसा कि हम जानते हैं दिन प्रतिदिन बिजली की कीमत में बढ़ोतरी के कारण आम आदमी के पॉकेट पर बड़ा असर पड़ा है और जिस तरह गर्मी पड़ रही है उसे देखकर बस यही लगता है कि बिना AC , COOLER और FRIDGE के काम नहीं चलने वाला, लेकिन इन अप्लायंस को लगाने से पहले हम यह सोचने लगते हैं कि इन्हें लगाने के बाद बिजली बिल में कितनी बढ़ोतरी होगी और इसी कारण बहुत से लोग इन अप्लायंस को नहीं लगा पाते हैं और गर्मियों में किसी तरह गुजारा कर लेते हैं 
          लेकिन आज हम जिस आइडिया के बारे में बताने वाले हैं उससे न केवल आपकी ज़रूरतें पूरी होगी बल्कि आप इसे लगा कर अच्छी खासी इनकम भी जनरेट कर सकेंगे।

       तो आईए जानते हैं कि इसके लिए आपको करना क्या है?

      अगर आपके पास जमीन या छत के ऊपर पर्याप्त जगह है तो आप उसे खाली पड़े स्थान पर "सोलर पैनल" लगाकर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।

"सोलर सिस्टम" कितने प्रकार के होते हैं?

      आमतौर पर सोलर पैनल तीन प्रकार के होते हैं-

    •ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम

    •ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम

    •हाइब्रिड सोलर सिस्टम


 👉ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम :

          ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम एक ऐसा सोलर पावर सिस्टम है जो घर में आ रही बिजली ग्रिड से डायरेक्ट जुड़ा होता है, इसमें बैटरी की कोई आवश्यकता नहीं होती है इसलिए यह काफी टिकाऊ होता है और कम खर्चीला भी होता है।

ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम (On-Grid Solar System) क्या है?


ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम, जिसे ग्रिड-टाइड सोलर सिस्टम भी कहा जाता है, एक ऐसा सोलर पावर सिस्टम है जो सीधे बिजली ग्रिड (Grid) से जुड़ा होता है। यह सिस्टम सौर पैनलों से बिजली उत्पन्न करता है और इसे ग्रिड में सप्लाई करता है।

ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम कैसे काम करता है?

1. सोलर पैनल (Solar Panels) – सूर्य की रोशनी को बिजली में बदलते हैं।


2. सोलर इन्वर्टर (Solar Inverter) – उत्पन्न DC (डायरेक्ट करंट) बिजली को AC (अल्टरनेटिंग करंट) में बदलता है।


3. नेट मीटर (Net Metering) – यह मीटर सोलर सिस्टम से ग्रिड को सप्लाई की गई और ग्रिड से ली गई बिजली की गणना करता है।


4. ग्रिड (Electric Grid) – अतिरिक्त बिजली ग्रिड में भेज दी जाती है, और जरूरत पड़ने पर ग्रिड से बिजली ली जाती है।
     

👉ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम :

      यह एक ऐसा सोलर पावर सिस्टम जो बिजली ग्रेड से स्वतंत्र होता है अर्थात इसमें बैटरी का प्रयोग किया जाता है, जिससे सौर ऊर्जा को स्टोर करके रखा जा सके और फिर जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके।
    ऑफ ग्रेट सोलर पावर सिस्टम ऑन स्थान के लिए उपयुक्त है जहां Grid की सुविधा उपलब्ध नहीं है या बार-बार बिजली कटौती होती है।
    

ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम कैसे काम करता है?


 1. सोलर पैनल (Solar Panels) – सूरज की रोशनी से बिजली (DC पावर) उत्पन्न करते हैं।


 2. सोलर इन्वर्टर (Solar Inverter) – उत्पन्न DC पावर को AC पावर में बदलता है, जिसे घर या अन्य उपकरणों में उपयोग किया जाता है।


 3. बैटरी (Battery Storage) – अतिरिक्त बिजली को बैटरी में संग्रहीत किया जाता है, जिससे रात में या खराब मौसम में बिजली मिलती रहे।


 4. चार्ज कंट्रोलर (Charge Controller) – बैटरी को ओवरचार्ज और डिस्चार्ज से बचाता है, जिससे उसकी लाइफ बढ़ती है।


 5. लोड (Load) – सोलर इन्वर्टर से जुड़कर घर या ऑफिस के उपकरण चलते हैं।

👉हाइब्रिड सोलर सिस्टम :

      हाइब्रिड सोलर सिस्टम एक उन्नत तकनीक का सोलर पावर सिस्टम है जो ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम का मिश्रण है। इसका मतलब यह है कि इसमें बैटरी भी होता है और यह ग्रिड से भी जुड़ा होता है जिससे यह लाभ होता है कि यह बिजली कटौती के दौरान भी काम करता है और जरूरत पड़ने पर यह ग्रेड से बिजली ले भी सकता है या उसमें भेज भी सकता है।

हाइब्रिड सोलर सिस्टम कैसे काम करता है?


1. सोलर पैनल (Solar Panels) – सूरज की रोशनी से बिजली (DC पावर) उत्पन्न करते हैं।


2. हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर (Hybrid Solar Inverter) – उत्पन्न DC पावर को AC पावर में बदलता है और बैटरी चार्जिंग को भी नियंत्रित करता है।


3. बैटरी (Battery Storage) – अतिरिक्त बिजली को बैटरी में संग्रहीत करता है, जिससे रात में या बिजली कटने पर उपयोग किया जा सके।


4. नेट मीटरिंग (Net Metering) – ग्रिड से कनेक्शन होने के कारण अतिरिक्त बिजली ग्रिड को भेज सकते हैं और जरूरत पड़ने पर वहां से ले सकते हैं।


5. ग्रिड (Electric Grid) – अगर बैटरी चार्ज नहीं है और सोलर पैनल से पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है, तो सिस्टम ग्रिड से बिजली ले सकता है।

कौन सा सोलर सिस्टम लगवाए :-

   सोलर सिस्टम के इतने वेरिएंट्स को देखकर यह समझना मुश्किल हो गया होगा की इन सोलर सिस्टम में से कौन सा सोलर सिस्टम लगवाना सही रहेगा?
    तो हम आपको बताते हैं की इन सारे सोलर सिस्टम में से आपको कौन सा लगवाना है जिससे कि आप महीने के 50000+ काम पाए।
      तो यदि आप चाहते हैं की सोलर पैनल्स को लगाकर उनसे पैसे कमाना तो इसके लिए आपको ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाना सबसे उचित एवं फायदेमंद डिसीजन माना जा सकता है क्योंकि इसमें आपको बैटरी की जरूरत नहीं पड़ेगी जिससे आप बैटरी का पैसा बचा सकते है और उसे पैसे को सोलर पैनल खरीदने में लगा सकते हैं।

कमाई कैसे होगी?

   यदि आपने ऑफ ग्रिड सोलर पैनल लगवाने का सोच लिया है तो चलिए आप जानते हैं कि इससे कमाई कैसे होगी ।
   यदि आप महीने के 50000 कमाना चाहते हैं तो यह आपके इन्वेस्टमेंट, लोकेशन और बिजनेस बिजनेस मॉडल पर निर्भर करता है ।
   ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम से कमाई दो तरीके से की जा सकती है :-

1. ओपन एक्सेस मॉडल :

      इस मॉडल में आपको बड़े स्तर पर बिजली उत्पन्न करनी होगी और इसे बड़े इंडस्ट्रीज,कारखानो और बिजनेस को भेज सकते हैं जिससे आपकी मोटी कमाई हो सकती है।

2. सोलर रेंटल मॉडल :

      इस मॉडल की शुरुआत आप अपने गांव या शहर कहीं से भी कर सकते हैं जहां थोड़ी जनसंख्या या कोई छोटा मार्केट हो। इसमें बिजनेस मॉडल में आपको अपने आसपास के इलाकों और दुकानों में सोलर सिस्टम से बिजली उत्पन्न कर इन्हें बेच देनी है, जिससे आप एक अच्छी पैसिव इनकम जनरेट कर पाएंगे।
   

सरकारी सब्सिडी और योजनाओं का लाभ ले :-

    यदि आप सोलर पैनल लगवाने का सोच रहे हैं तो सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी और योजनाओं का लाभ अवश्य ले। क्योंकि भारत सरकार सोलर पैनल लगाने पर लगभग 80000 से 130000 तक की सब्सिडी देती है जिससे सोलर पैनल में लगने वाली लागत और काम हो सकती है।

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